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Saturday, 23 September 2017

बेटियाँ- मेरी बेटियाँ


मेरी बेटियों  
प्रफुल्लित जीवन में
अमित सुमन
पल्लवित हो आपके, मेरी बेटियों
अरुषा, नोकेशा, काव्या
पहचान  बनो तुम हमारी
अपने अम्मा-बाबा की
मम्मी –पापा की
चाचा –चाची की
प्रेरणा बनो , आदर्श बनो
अपने भाइयों की
अभिलाषा है मेरी।
नहीं कोई अंतर
बेटा- बेटियों में
संतान सब एक समान
अधिकार है एक समान
फिर क्यों पीछे है?
बेटियाँ !
शायद एक सोच के कारण !
बदलो इस सोच को...
बेटियों.....
भेदना है समाज की कुरीतियों के
इस चक्रव्यूह को
मर्यादा, संयम व संतुलन के साथ
तथास्तु।  
सत्य  के साथ सहयोग है
मेरा सदैव
आयुष्मान भव:, आयुष्मान भव: 

अमित 

प्रवासी मजदूर!

प्रवासी कौन है ? प्रवासी का शाब्दिक अर्थ है जो अपना क्षेत्र छोड़ काम धंधे के लिये, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में  में निवास करता है अर्थात...