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Monday, 11 July 2016

हल्दौर 246726 (Haldaur 246726)





उसका मेरा मिलना            
उसे उसकी,
मुझे तेरी याद दिलाता है
उसके मेरे बीच साझी है,
वह रज़,जहां हम पले-बढ़े।


स्कूलमाड़साहब,खेल का मैदान             
बसंत-पंचमी की पूजा,
भगवत के चने परमल,
मवासी के छोलेचंदरू की चाट
बिरजू की रबड़ी
कक्की के रसगुल्ले,

टनाटन के समोसे रायता,
लल्लू की टिक्की,
असग़र की दूध चीनी की बर्फ
भाना की गज़क,

सुखलाल की रंगो की दूकान,
महन्त जी की आम की बगिया,
पास मे बेरीबेरी के पास
अस्पताल उसके पास स्टेशन।

स्टेशन की बैंच पर,                                
उसका मेरा धंटों बैठना
किसी के आगमन तो,
किसी के प्रस्थान
के समय की एक झलक !

पोखरमेलामेले कि जलेबी
मेले मे उसका दीद़ार
मेले का मीना बाजार
मौत का कूआं,
नौटँकी,सर्कस,करंट,
मारने वाली लड़की
लंगूर के हाथ मे बंदूक जाने, 
ऐसे कितने खेल,तमाशे,

अकबर वाली हौज,
लच्छू के गन्ने के खेत,
गंज पर गंगा-स्नान का मेला
मेले की मौज-मस्ती
पास मे विदुर कुटी

बाबा-मंशादासशिव-मंदिर,
मंदिर मे 'विवेकानंद पुस्तकालय'
धूलिया का चैती आठे का मेला
जाने ऐसे कितने स्मारक,

कुछ कही कुछ अनकही यादें
उसके किस्से-कहानियों के 
जीवतंपात्र हैं

उसकी बातों मे मेरे गाँव की खुशबू है
उस खुशबू का जो आन्नद है
उसे बयाँ कर पाना,
उसके बस की बात है
और मेरे।
जिक्र होता है उन चिहनों का,
जहां उसे आज भी, 
महसूस करता हूँ मै।
अपनी स्मृतियों मे।

प्रफुल्लित कर जाती है
उसकी किस्सा-गोयी में
अपने शहर की मिट्टी की 
सोंधी खुशबू
शुक्रिया तेरा
मेरे शहर की हवाओं का
जिक्र करने वाले।
शुक्रिया तेरा
मेरे शहर की हवाओं का 
जिक्र करने वाले।

                         



        अमित




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