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Sunday, 7 June 2020

प्रवासी मजदूर!

प्रवासी कौन है ?
प्रवासी का शाब्दिक अर्थ है
जो अपना क्षेत्र छोड़ काम धंधे के लिये,
एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में  में निवास करता है
अर्थात परदेशी
हाँ शायद ! 
परदेशी ही .... 
देख विडंबना
अपने ही देश में
अपने ही वतन में एकाएक प्रवासी हो गए
वाह री महानगरीय संस्कृति..... 
चलो शाब्दिक अर्थ को छोड़ते हैं नाम में क्या रखा है
ऐसे ही कोई क्यों जाता है
अपना गांव, अपनी जन्मभूमि छोड़कर
कोई तो मजबूरी होगी
सबकी अपनी अपनी अलग अलग कहानियां है 
सपना सबका एक ही था ……
अपने परिवार का अच्छा भविष्य
बच्चों की अच्छी शिक्षा 
माता पिता का अच्छा इलाज
मगर यह हो न सका 
और अब लौट रहा है अपने गांव अपने प्रदेश में
खाली पेट खाली हाथ 
जिस प्रदेश को, जिस शहर को  
इस मेहनतकश ने सींचा अपने खून पसीने से
जो मशीन बना दिन-रात काम करते करते
एक सुनहरे भविष्य की आशा में
मगर इस महामारी के दौर में हमेशा की तरह
पिसा एक गरीब इंसान................... 
कर्मभूमि दे न सकी दो वक्त की रोटी,और सिर ढकने को छत
किस काम की ऐसी  उन्नति और विकास 
सोचो, मनन करो, चिंतन करो
हे मनीषयों !  बुद्धिजीवियों !
नेता-अभिनेता ऐशों- आराम से
(कुछ अपवादों को छोड़कर)   
छुट्टियां मना रहे हैं
इस महामारी में 
किसकी बदौलत 
इस प्रवासी मजदूर की बदौलत 
हां इस प्रवासी मजदूर की बदौलत है 
शुभकामना है, आशा है, विश्वास है,दृढ़ विश्वास है 
हे श्रमिक देव अगर आप ठान ले  
तो कुछ भी हो सकता है 
उठो, जागो ! 
हे श्रमिक देव 
कुशल है,दक्ष है,निपुण है,योग्य है,सामर्थवान है
आप.........  
योद्धा राजा नायक कुछ नहीं करेंगे 
मात्र खोखले वायदे, आश्वासन और कुछ खैरात! 
रणभूमि में स्वयं उतरना पड़ेगा 
अपने लिए स्वयं संघर्ष करना पड़ेगा
उठो,जागो 
पहले दूसरों के लिए काम किया 
अब अपने लिए काम करो 
हे वीर, साहसी श्रमिक
बनाओ अपने को सबल  
बदल दो खांडवप्रस्त को इन्द्रप्रस्थ में  
यही शुभकामनाएं ..........  
हे श्रमिक,जय श्रमिक, जय श्रमिक

अमित
27.05.2020

Sunday, 29 March 2020

नमस्ते पुलिस


नमस्ते पुलिस
खाकी वर्दी पहने
साईकिल पर सवार पुलिस से जाने-अनजाने में,
न जाने क्यों? बचपन से डरता था मैं!
नकारात्मक छवि थी मेरे अबोध मन में
मेरा छोटा भाई
साईकिल पर सवार पुलिस को कहता था

नमस्ते पुलिस
पर मैंने सुना था !
पुलिस से न दोस्ती अच्छी
और न ही दुश्मनी अच्छी
मगर आज
इस भीषण आपदा में  
पुलिस की  सकारात्मक भूमिका को,
प्रणाम, नमस्ते ,सलाम ,
सतश्रीअकाल ,गुड मॉर्निंग
आज पुलिस(POLICE) अपने नाम के,
अनुरूप काम कर रही है
P-से- Polite- विनम्रता से अपना काम कर रही है
O-से-Obedient-शासनादेश का भली-भाँति पालन कर रही है
L-से- Loyal- देश के प्रति निष्ठा व वफादारी से,
बगैर अपनी परवाह किए निरंतर कार्य कर रही है
I-से-Intelligent- सुबोधता, बुद्धिमत्ता व धीरजता के,
साथ अविरल कार्य कर रही है पुलिस  
C-से-Courageous- निडरता, निर्भयता व साहस के साथ,
उदण्डो व शैतानो  को सबक भी सीखा रही है पुलिस
E-से- Efficient  कार्यकुशलता, निपुणता से जन जन की,
सेवा व सहायता कर रही है पुलिस
आवाम को खाद्य सामग्री की
आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है पुलिस
प्यासे को पानी भूखे को खाना खिला रही है पुलिस
शाबाश पुलिस........
महामारी और हमारे बीच
अटल ढाल के रूप मे दिन-रात खड़ी है
मेरे देश की पुलिस
खाकी वर्दी को मेरा मन से, अन्तरात्मा से सलाम
नमस्ते पुलिस,  जय हिन्द जय भारत !
अमित मारवाड़ी
28.03.2020

Friday, 22 February 2019

संदेश





नई सरकार बनी
राष्ट के नाम संदेश
प्रसारित हुआ
हम आतंकवादियों के
सामने नहीं झुकगे
पंजाब हो या कश्मीर !
हुआ अपहरण मंत्री की
लाड़ली का
परिणाम …..  
मुक्त हुये अनेक आतंकवादी
जिन्होने किए
सैकड़ो खून
कौन जिम्मेदार?
मैं!हम !या फिर सरकार ????
निर्दोषओ का लहू बहा
न जाने कितने जवान
हुये शहीद .........
मुक्त हुये अनेक आतंकवादी
हुये न जाने, कितने दंगे फसाद
लगे वतन विरोधी नारे
हुआ तिरंगे का अपमान
कौन जिम्मेदार?
मैं!हम !या फिर सरकार ????
नहीं चाहिए हमे ऐसे नेता!!!
हमे चाहिए
गुरु गोविंद सिंह
जैसे नेता .....
जिन्होने देश के खातिर
चिनवा दिया अपने
लड़के जिंदा ।
जय हिन्द ......

अमित 20.12.1989






Thursday, 1 March 2018

होली है ।



होलीयानी कि
जो हो ली
जो बीत गयासो बीत गया। 
जो हो चुकासो हो चुका। 
रात को अंधकार मे जलाते है
रोशनी मे मनाते है
खुशी के रंगों की होली।

पुरानी दुषित द्वेषपूर्ण
स्मृतियों को दहन करना ही
होली है।

अग्नि से उपजी प्रेमपूर्ण
भावनाओ से ओतप्रोत,
संग का रंग लगाते है
उत्साह और उमंग का
गुलाल और अबीर लगाते है
प्रेम की एक नयी सुप्रभात 
का त्योहार है होली।

होली सो होली। 
जो बीत गया. सो बीत गया। 
होली है! होली 



अमित

Monday, 18 December 2017

मन !

मन !



मन तो बच्चा है
कैसा ?
अबोध
चंचलनटखट
जो मेरी बात मानता ही नहीं
तो फिर कोई क्यों?
मेरी बात माने !

मन को आवश्यकता है
दुलार की वात्सल्य की
सर्वकार्यो के साथ-साथ
माँ की प्राथमिकता है
अपना बच्चा
मेरी प्राथमिकता !
मेरा अपना मन... 

मन पर सकारात्मक नियंत्रण
मन से उपजी भावनाओं,
संवेगोंआवेगों का 
स्वतशुद्ध आचरण
जैसे माँ की मीठी लोरी
से शान्त होता बच्चा
वैसे ही मेरा अपना मन 
स्वयं की थपकी से शांत 
पवित्र निर्मल होता 
मेरा मन !

अमित


https://notionpress.com/read/vicharon-ki-avruti




प्रवासी मजदूर!

प्रवासी कौन है ? प्रवासी का शाब्दिक अर्थ है जो अपना क्षेत्र छोड़ काम धंधे के लिये, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में  में निवास करता है अर्थात...