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Monday, 12 December 2016

कविता लिखने का फंडा



कविता लिखने का शौक जब चर्राया
तब वरिष्ठ कवि ने नुस्खा है फरमाया
शब्द रस अलंकर नही किसी के होते
भाव भावना  भी समाज से हम लेते


किसी  प्रतिष्ठित कवि की  शैली चुराओ
शब्दों को जोड़तोड़  कर कविता बनाओ
इधर उधर से  भाव और शब्दों को तोड़ा
इस  प्रकार  हमने  कविताओं  को जोड़ा


कविता रच हम मंच पर सुना रहे थे
पैर सूखे पेड़ के पत्ते  से काँप रहे थे
आवाज़ भी साथ नहीं दे  रही थी
हालत बद से बदतर हो रही थी


देख हमेंकन्याएं मंद -मंद मुस्का रहीं थी
मित्रों को ये अदा सहन नही हो पा रही थी
मित्र ताली पीट -पीट  खिल्ली उड़ा रहे थे
श्रोता  गफलत में  तालियां   बजा रहे थे

फ्लॉप होते- होते , बॉक्स ऑफिस पर हिट हो गये
अन्ततोगत्वा,कवियों की जमात में शामिल हो गये |

अमित
मेरी कविताए स्वरचित व मौलिक है।






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