कविता लिखने का शौक जब चर्राया
तब वरिष्ठ कवि ने नुस्खा है फरमाया
शब्द रस अलंकर नही किसी के होते
भाव भावना भी समाज से हम लेते
किसी प्रतिष्ठित कवि की शैली चुराओ
शब्दों को जोड़तोड़ कर कविता बनाओ
इधर उधर से भाव और शब्दों को तोड़ा
इस प्रकार हमने कविताओं को जोड़ा
कविता रच हम मंच पर सुना रहे थे
पैर सूखे पेड़ के पत्ते से काँप रहे थे
आवाज़ भी साथ नहीं दे रही थी
हालत बद से बदतर हो रही थी
देख हमें, कन्याएं मंद -मंद मुस्का रहीं थी
मित्रों को ये अदा सहन नही हो पा रही
थी
मित्र ताली पीट -पीट खिल्ली उड़ा रहे
थे
श्रोता गफलत में तालियां बजा रहे थे
फ्लॉप होते- होते , बॉक्स ऑफिस पर हिट हो गये
अन्ततोगत्वा,कवियों की जमात में शामिल हो गये |
मेरी कविताए स्वरचित व मौलिक है।
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Monday, 12 December 2016
कविता लिखने का फंडा
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