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Friday, 12 August 2016

15 अगस्त




वार्षिक उत्सव, राष्ट्रीय पर्व,
उमंग  उत्साह का पर्व है
शहीदो को नमन का त्यौहार है
स्वतन्त्रता दिवस।
समय का एक चक्र पूर्ण हुआ।
मंजिल आयी है
शुभकामनायें-शुभकामनायें।


यह सत्य है कि
हम हजारों मील चले है
लाखो मील चलना,
अभी शेष है!
 भाषण व उद्घोषणा
का पर्व नही,
शहीदों के सपने साकार
करने का दिवस हैं
स्वतन्त्रता दिवस।

एक संकल्प का पर्व हैं
विविधताओं में एकता का पर्व है
मत-भेद भुला प्रेम का पर्व है,
एक नवसंकल्प का पर्व है
स्वतन्त्रता दिवस।

 कुछ मौलिक अधिकार वर्णित हैं
परन्तु कर्तव्य भी वर्णित हैं
उनके प्रति समर्पित रहना
मेरा धर्म ही नही दायित्व भी है।

प्रत्येक कार्य मे देश हित
सर्वोपरिअभिलाषा है
स्वच्छ पर्यावरण अच्छा हैं
बहुत अच्छा हैं।
विचारो की स्वच्छता भी,
अत्यन्त आवश्यक है।
बहुत काम अभी शेष है।
बन्धुओं!
  
सपनों को सप्राण करने हेतू
विकास चक्र की गति बढ़ानी हैं।
गति बढ़ाने में अन्तिम ईकाई
की सेवा का योगदान...
उतना ही महत्वपूर्ण जितना कि
प्रथम इकाई के हस्ताक्षर!

महायज्ञ में जो उपेक्षित हैं
उभार दे, प्यार दे सवाँर दे
देखों
सुप्रभात की किरण
आयी हैं!
शुभकामनायें-शुभकामनायें। 

अमित
मेरी कविता स्वरचित व मौलिक है।

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